Devotional story:
शिव पुराण: क्या है भगवान शिव की पूजा का सही विधान और उसके लाभ? Lord Shiva Worship Rules
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, धर्म और आध्यात्मिक जगत में भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है।
ऋषियों ने जब सूतजी से महादेव की पूजा के नियमों और विधानों के बारे में पूछा, तब उन्होंने शिव पुराण में वर्णित विशेष पूजा पद्धति को जानने की सलाह दी।
यह प्राचीन ग्रंथ शिव भक्तों को यह ज्ञान प्रदान करता है कि किस प्रकार के फूल और पूजन सामग्री महादेव को अर्पित की जानी चाहिए ताकि उनकी कृपा प्राप्त हो सके।
शिव पुराण के अनुसार, जो भक्त इस विधान का पालन करते हुए शिवलिंग की पूजा करते हैं, उनके सभी मनोरथ भोलेनाथ अवश्य पूरे करते हैं।
ब्रह्माजी ने नारदजी को बताया था कि बेलपत्र, कमलपत्र और शंखपुष्प जैसे पवित्र पुष्पों से देवता शिव की पूजा करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
इसमें विशेष मापों का उल्लेख है, जैसे 20 कमल का एक प्रस्थ और सहस्र बेलपत्रों का आधा प्रस्थ होता है।
सोलह पल का एक प्रस्थ और दस टंक का एक प्रस्थ माना गया है।
इन विशिष्ट मापों के अनुसार पूजन सामग्री अर्पित करने से सकाम पूजा करने वाले जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वहीं, यदि कोई भक्त निष्काम भाव से भगवान की आराधना करता है, तो वह स्वयं शिवस्वरूप हो जाता है।
यह विधान आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है और भक्तों को परम शांति की ओर ले जाता है।
इन नियमों का पालन कर श्रद्धालु अपने आराध्य देव की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
यह गहन पूजा विधि केवल इच्छाओं की पूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहरे आध्यात्मिक अनुभव का द्वार भी खोलती है।
शिव पुराण में वर्णित यह विधि लाखों भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो अपने जीवन में धर्म और शांति की तलाश में हैं।
इस प्रकार, महादेव की विधि-विधान से की गई पूजा व्यक्ति को न केवल भौतिक सुख प्रदान करती है, बल्कि उसे परम मोक्ष की ओर भी अग्रसर करती है।
- शिव पुराण में महादेव की पूजा के विशिष्ट विधान का वर्णन।
- बेलपत्र, कमलपत्र जैसे पुष्पों से पूजा करने पर लक्ष्मी व मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- सकाम और निष्काम पूजा के महत्व और उनके भिन्न फल बताए गए हैं।
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Posted on 03 November 2025 | Keep reading चाचा का धमाका.com for news updates.