बच्चों में प्री-डायबिटीज की बीमारी का बढ़ता प्रकोप: डॉक्टर सुझाते हैं उपचार Children's Pre-diabetes Risk Soars

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बच्चों में प्री-डायबिटीज की बीमारी का बढ़ता प्रकोप: डॉक्टर सुझाते हैं उपचार Children's Pre-diabetes Risk Soars

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों में प्री-डायबिटीज का खतरा तेजी से बढ़ रहा है, जिसे लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है।

यह एक ऐसी स्थिति है जहां रक्त शर्करा का स्तर सामान्य से अधिक होता है लेकिन मधुमेह जितना नहीं।

पहले यह बीमारी मुख्य रूप से वयस्कों में देखी जाती थी, परंतु अब जीवनशैली में बदलाव और खराब खान-पान के कारण बच्चों में भी इसके लक्षण सामने आ रहे हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों में प्री-डायबिटीज की दर 4 से 23 फीसदी तक बढ़ रही है, जो भविष्य में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है।

डॉक्टर इस स्थिति को गंभीरता से लेने और बचपन से ही बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देते हैं।

बच्चों में प्री-डायबिटीज के बढ़ने के पीछे कई प्रमुख कारण हैं।

आज के बच्चे बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, चॉकलेट, पैक्ड जूस, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चीनी युक्त स्नैक्स जैसे जंक फूड का अत्यधिक सेवन करते हैं, जिससे उनके शरीर में अनावश्यक शर्करा और वसा की मात्रा बढ़ जाती है।

इसके अलावा, शारीरिक फिटनेस की कमी और घंटों मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी पर समय बिताना भी एक बड़ा कारण है।

इन आदतों के कारण बच्चों में मोटापा बढ़ता है, जो प्री-डायबिटीज का सीधा कारण है।

यदि समय रहते इन कारणों पर ध्यान न दिया जाए, तो यह स्थिति टाइप 2 डायबिटीज में बदल सकती है, जिसका उपचार अधिक जटिल हो जाता है।

इस गंभीर बीमारी से बच्चों को बचाने के लिए माता-पिता को जागरूक होना आवश्यक है।

उन्हें बच्चों की डाइट में पौष्टिक भोजन जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करने चाहिए।

चीनी और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाना बेहद जरूरी है।

साथ ही, बच्चों को शारीरिक गतिविधियों में शामिल करना, जैसे खेलकूद या व्यायाम, उनकी फिटनेस के लिए महत्वपूर्ण है।

नियमित स्वास्थ्य जांच और डॉक्टर की सलाह से प्री-डायबिटीज की पहचान कर समय पर उचित जीवनशैली बदलावों के माध्यम से इस समस्या से बचा जा सकता है, जिससे बच्चों का भविष्य स्वस्थ और सुरक्षित रह सके।

  • बच्चों में 4 से 23% तक बढ़ रहा प्री-डायबिटीज का जोखिम।
  • जंक फूड, निष्क्रियता मुख्य कारण; मोटापे से बढ़ता है खतरा।
  • स्वस्थ खान-पान, शारीरिक गतिविधि व नियमित जांच से बचाव संभव।

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Posted on 27 November 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.

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