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डिजिटल खपत और युवा: क्या राजनीति को बदल रही है स्क्रीन की लत? Record Mobile Data Use India
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में एक हालिया मोबिलिटी रिपोर्ट ने भारतीय नागरिकों द्वारा मोबाइल डेटा की रिकॉर्ड-तोड़ खपत को उजागर किया है, जो प्रति यूजर प्रतिमाह औसतन 36 जीबी तक पहुंच गई है।
यह आंकड़ा अमेरिका और चीन जैसी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं से भी कहीं अधिक है, जो देश में सस्ते डेटा और किफायती स्मार्टफोन की उपलब्धता का सीधा परिणाम है।
इस अप्रत्याशित डिजिटल उछाल ने न केवल संचार के तरीकों को बदला है, बल्कि इसने भारतीय राजनीति की गतिशीलता पर भी गहरा प्रभाव डाला है।
नेता और राजनीतिक दल, विशेषकर बीजेपी और कांग्रेस, अब अपने चुनाव अभियानों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और डिजिटल माध्यमों पर बहुत अधिक निर्भर हैं, जिससे जनता तक सीधे पहुंचने का एक नया रास्ता खुल गया है।
हालांकि, इस तीव्र डिजिटल पैठ के साथ एक चिंताजनक पहलू भी जुड़ा है: स्क्रीन की बढ़ती लत, खासकर युवाओं में।
जहां एक ओर डिजिटल प्लेटफार्म्स राजनीतिक जागरूकता बढ़ाने और नागरिकों को विभिन्न मुद्दों पर जानकारी देने का माध्यम बन सकते हैं, वहीं दूसरी ओर, अनियंत्रित जानकारी और फेक न्यूज़ का प्रसार चुनाव परिणामों को प्रभावित करने की क्षमता रखता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अत्यधिक स्क्रीन समय और सोशल मीडिया का लगातार उपयोग आलोचनात्मक सोच को कुंद कर सकता है, जिससे युवा मतदाता आसानी से राजनीतिक प्रचार के बहकावे में आ सकते हैं।
यह स्थिति नेताओं के लिए एक चुनौती प्रस्तुत करती है कि वे कैसे एक सूचित और संलग्न नागरिकता को बढ़ावा दें, जबकि डिजिटल लत के संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम करें।
- भारत में मोबाइल डेटा खपत दुनिया में सबसे अधिक, राजनीति पर असर।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म बीजेपी-कांग्रेस के चुनाव प्रचार का अहम हिस्सा।
- युवाओं में स्क्रीन की लत राजनीतिक जागरूकता को प्रभावित कर रही है।
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Posted on 23 November 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.