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रुपये पर दबाव: डॉलर की मजबूती ने बढ़ाई शेयर मार्केट की चुनौती Indian Rupee Weakens Dollar
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तीन पैसे की कमजोरी के साथ 88.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
विदेशी मुद्रा बाजार में यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी डॉलर की बढ़ती मजबूती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के कारण देखी गई।
कारोबार की शुरुआत में रुपया 88.70 पर खुला था और दिनभर के कारोबार के दौरान 88.75 प्रति डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच गया, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है।
हालांकि, घरेलू मोर्चे पर, बिहार चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को मिले व्यापक जनादेश ने भारतीय शेयर बाजारों में तेजी लाई, जिसने रुपये को निचले स्तर पर कुछ हद तक समर्थन प्रदान किया।
कारोबारियों के मुताबिक, इस सकारात्मक राजनीतिक घटनाक्रम ने बाजार में "निवेश" के प्रति निवेशकों के भरोसे को बढ़ाया।
डॉलर सूचकांक, जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की ताकत को मापता है, 0.12 प्रतिशत बढ़कर 99.27 पर पहुंच गया, जो डॉलर की वैश्विक मजबूती को दर्शाता है।
वहीं, घरेलू "शेयर मार्केट" में सेंसेक्स 84.11 अंक चढ़कर 84,562.78 अंक पर और निफ्टी 30.90 अंक की बढ़त के साथ 25,910.05 अंक पर बंद हुआ।
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल 1.59 प्रतिशत बढ़कर 63.98 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा, जिससे आयात बिल बढ़ने की आशंका से "वित्त" बाजार पर दबाव बढ़ा।
कुल मिलाकर, शुक्रवार का दिन भारतीय "मार्केट" के लिए मिश्रित संकेत लेकर आया, जहां एक ओर घरेलू राजनीतिक स्थिरता ने "उद्योग" को कुछ राहत दी, वहीं दूसरी ओर वैश्विक कारकों ने रुपये पर दबाव बनाए रखा।
यह स्थिति भविष्य में भारतीय मुद्रा के प्रदर्शन और देश की वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश कर सकती है।
- रुपया 3 पैसे की गिरावट के साथ 88.73 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें रुपये पर दबाव का मुख्य कारण।
- घरेलू शेयर मार्केट में तेजी ने रुपये को निचले स्तर पर समर्थन दिया।
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Posted on 15 November 2025 | Keep reading चाचा का धमाका.com for news updates.