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मुंबई: बेटे ने माँ को अस्पताल में छोड़ा, राष्ट्रीय न्याय पर बॉम्बे हाईकोर्ट सख्त High Court Mother Abandonment Case
मुंबई में, चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बेटे द्वारा अपनी 76 वर्षीय माँ को अस्पताल में कथित रूप से छोड़े जाने के मामले में पुलिस और वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण न्यायाधिकरण की निष्क्रियता पर गहरी निराशा व्यक्त की है।
न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति आरआर भोंसले की पीठ बांद्रा स्थित होली फैमिली अस्पताल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
अस्पताल ने बताया कि महिला को उसके बेटे ने भर्ती कराया था, जिसने शुरुआत में लगभग 4.5 लाख रुपये का भुगतान किया था।
हालांकि, जब बकाया राशि 16 लाख रुपये तक पहुंच गई, तो उसने कथित तौर पर बिल चुकाना बंद कर दिया, अस्पताल कर्मचारियों से झगड़ा किया और अंततः गायब हो गया, जिससे उसकी माँ लंबे समय तक अस्पताल में ही फंसी रह गईं।
अस्पताल ने अदालत को यह भी बताया कि महिला को तीन बार अस्पताल में संक्रमण हुआ, जिससे चिकित्सकीय रूप से फिट होने के बावजूद उसकी छुट्टी में देरी हुई।
यह मामला एक गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है, जो भारत के वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और उनके भरण-पोषण के अधिकार पर सवाल उठाता है।
उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस और न्यायाधिकरण की 'सहानुभूति की कमी' और 'गलत दिशा में कार्रवाई' के लिए कड़ी आलोचना की।
न्यायाधीशों ने इस घटना को 'अंतरात्मा झकझोर देने वाला मामला' बताते हुए कहा कि यह चौंकाने वाला है कि एक बेटा अपनी माँ को इस तरह छोड़ सकता है।
कोर्ट ने बांद्रा पुलिस को तुरंत भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत बेटे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और 22 दिसंबर को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त, न्यायाधिकरण को भी तत्काल कार्रवाई करने और वरिष्ठ नागरिक के भरण-पोषण का आदेश पारित करने का निर्देश दिया गया।
यह घटना देश में वरिष्ठ नागरिक देखभाल और न्यायपालिका की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाती है।
अदालत ने यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि भविष्य में ऐसा कोई मामला न हो, जहाँ किसी वरिष्ठ नागरिक को इस तरह की दुर्दशा का सामना करना पड़े।
इस पूरे मामले में न्यायपालिका की सक्रियता भारत में वरिष्ठ नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उम्मीद है कि सरकार इस तरह के मामलों पर ध्यान देगी और वरिष्ठ नागरिकों के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र सुनिश्चित करेगी ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेटे द्वारा माँ को अस्पताल में छोड़ने पर पुलिस को लताड़ा।
- अदालत ने इसे 'अंतरात्मा झकझोर देने वाला मामला' बताया, FIR का निर्देश दिया।
- वरिष्ठ नागरिक अधिकारों की रक्षा पर जोर, न्यायाधिकरण को भी फटकार लगाई गई।
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Posted on 21 November 2025 | Follow चाचा का धमाका.com for the latest updates.