धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा पर प्रश्न: क्या वोट बैंक पर भारी पड़ रही राजनीति? Andhra Temple Stampede Security

Leader spotlight:

धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा पर प्रश्न: क्या वोट बैंक पर भारी पड़ रही राजनीति? Andhra Temple Stampede Security news image

धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा पर प्रश्न: क्या वोट बैंक पर भारी पड़ रही राजनीति? Andhra Temple Stampede Security

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, आंध्र प्रदेश के काशीबुग्गा शहर स्थित वेंकटेश्वर मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ ने धार्मिक आयोजनों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस हृदय विदारक घटना में 10 लोगों की दुखद मृत्यु हो गई।

चौंकाने वाली बात यह है कि यह मंदिर एक निजी तीर्थस्थल था, जो धर्मस्व विभाग के तहत पंजीकृत नहीं था, और कार्यक्रम आयोजकों ने इतनी बड़ी भीड़ के लिए न तो कोई अनुमति ली थी और न ही राज्य सरकार को इसकी पूर्व सूचना दी गई थी।

देश भर में धार्मिक आयोजनों के दौरान बढ़ती लापरवाही और सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन को अक्सर सत्तारूढ़ दल और अन्य नेता नजरअंदाज करते रहे हैं।

इसकी मुख्य वजह यह है कि कोई भी राजनीति दल अपना वोट बैंक खोना नहीं चाहता, जिसके चलते वे संभावित दुर्घटनाओं को अनदेखा कर देते हैं।

इस तरह की अनदेखी सीधे तौर पर आम जनता की जान जोखिम में डालती है।

यह कोई पहली घटना नहीं है; भारत में ऐसे कई धार्मिक आयोजनों में पहले भी हजारों लोगों की दर्दनाक मौतें हुई हैं।

उदाहरण के तौर पर, साल 2005 में महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित मंधारदेवी मंदिर में भगदड़ मचने से 350 से अधिक भक्तों की मौत हो गई थी, और फिर साल 2008 में हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भी ऐसी ही एक भगदड़ में कई जानें चली गई थीं।

इन त्रासदियों के बावजूद, संबंधित विभागों और राजनीति इच्छाशक्ति की कमी के कारण सुरक्षा व्यवस्था में कोई बड़ा सुधार देखने को नहीं मिला है।

जब तक चुनाव से जुड़े निहित स्वार्थों को परे रखकर ठोस नीतियां नहीं बनाई जातीं और उनका कड़ाई से पालन नहीं किया जाता, तब तक ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वोट बैंक की राजनीति अक्सर मानवीय जीवन से अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।

यदि कांग्रेस और बीजेपी जैसे प्रमुख दलों सहित सभी राजनीतिक दलों के नेता इस गंभीर मुद्दे पर एकमत होकर सुरक्षा प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू नहीं करते, तो भविष्य में भी ऐसे ही दर्दनाक हादसे होते रहेंगे और इसकी कीमत आम जनता को चुकानी पड़ेगी।

  • आंध्र प्रदेश में निजी मंदिर में भगदड़, 10 की मौत; बिना अनुमति था आयोजन।
  • वोट बैंक की राजनीति के कारण धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा की अनदेखी।
  • 2005 मंधारदेवी, 2008 नैना देवी समेत कई पूर्व हादसों का उल्लेख।

Related: Bollywood Highlights


Posted on 16 November 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने