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भारत पर टैरिफ की समीक्षा: क्या अमेरिकी सांसदों ने विदेश नीति बदली? Us Congress India Trade Tariffs
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है।
अमेरिका की संसद, यूएस कांग्रेस, में भारत पर लगाए गए व्यापार शुल्कों को लेकर गहरा असंतोष उभर रहा है।
अमेरिकी सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से भारत पर लागू 50% टैरिफ को वापस लेने का आग्रह किया है, जो दोनों देशों के बीच बिगड़ते आर्थिक तनाव को संभालने की दिशा में एक महत्वपूर्ण विदेश नीतिगत पहल मानी जा रही है।
यह केवल एक राजनीतिक पत्र नहीं, बल्कि इस बात का संकेत है कि अब अमेरिका भारत को एक सामान्य दोस्त के बजाय एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार के रूप में देखता है, जिसका विश्व व्यापार और ग्लोबल कूटनीति पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है।
दरअसल, अगस्त 2025 के अंत में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को आर्थिक झटका देते हुए भारतीय वस्तुओं पर कुल 50% का टैरिफ लगाया था।
इसमें 25% पारस्परिक शुल्क के रूप में और अतिरिक्त 25% दंडात्मक शुल्क भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने के जवाब में लगाया गया था।
इस एकतरफा कदम ने दोनों अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के बीच संबंधों में खटास पैदा कर दी थी।
अब, संयुक्त राज्य अमेरिका कांग्रेस के 19 सदस्यों ने एकजुट होकर राष्ट्रपति से भारत के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाने का आह्वान किया है, जिससे संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर भी सकारात्मक संदेश जाए।
इस पहल से उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और रणनीतिक संबंध और मजबूत होंगे।
यह कदम न केवल दोनों देशों के लिए आर्थिक अवसर पैदा करेगा बल्कि विदेश नीति के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण होगा, खासकर जब भू-राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं।
अमेरिकी सांसदों की यह आवाज दिखाती है कि भारत का महत्व अमेरिकी राजनीति में लगातार बढ़ रहा है और एक मजबूत द्विपक्षीय संबंध अब उनकी प्राथमिकता सूची में शामिल है।
- अमेरिकी सांसदों ने भारत पर 50% टैरिफ हटाने की मांग की।
- ट्रंप को पत्र लिखकर भारत से बिगड़ते रिश्ते सुधारने को कहा।
- भारत को रणनीतिक साझेदार के रूप में देखने का संकेत।
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Posted on 09 October 2025 | Stay updated with चाचा का धमाका.com for more news.