कुशवाहा मोहल्ला में मां का दरबार, रामायण पाठ और भंडारे का आयोजन: धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम


 माँ का दरबार

समाज के विभिन्न वर्गों के लोग इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए उत्साहित नजर आए। स्थानीय लोग श्रद्धा और विश्वास के साथ माँ के दरबार में पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी समस्याओं का समाधान पाने के लिए अराधना की। आयोजन में मुख्य आकर्षण माँ के दरबार की झांकी रही, जिसमें रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया था। स्थानीय पुजारियों द्वारा किए गए मंत्रोच्चारण और हवन ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

भंडारा: सामाजिक समरसता का प्रतीक

धार्मिक आयोजन के समापन पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया। यह भंडारा न केवल भक्ति का हिस्सा था, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक भी था। भंडारे में गरीबों, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी गई। स्थानीय निवासियों का मानना था कि इस प्रकार के आयोजनों से समाज में दया, सहयोग और भाईचारे की भावना का प्रसार होता है।


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