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न्यायिक प्रणाली: क्या है समाधान? राजनीति में विराग गुप्ता का विश्लेषण Sanyal Questions Judicial System Speed
न्यूज़सीकेडी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल के तीखे बयान ने न्यायिक प्रणाली की धीमी गति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों के समक्ष कहा कि विकसित भारत के रास्ते में न्यायिक प्रणाली सबसे बड़ी बाधा है।
यह बयान राजनीतिक परिदृश्य में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है, खासकर चुनावों के मद्देनजर।
सान्याल के विचारों से सहमति रखते हुए यह कहना भी जरूरी है कि इस समस्या के लिए सरकार भी जिम्मेदार है।
लाखों लंबित मामले, अदालतों में भारी भीड़, और न्यायिक प्रक्रिया की जटिलताएं देश की प्रगति में बाधा डाल रही हैं।
इस समस्या का समाधान डाटा और ऐप के माध्यम से विवादों का बेहतर प्रबंधन, लोक अदालतों की क्षमता में वृद्धि, और न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर निर्भर करता है।
पिछले तीन वर्षों में लोक अदालतों ने 23 करोड़ से अधिक मामलों का निपटारा किया है, फिर भी 5.3 करोड़ मामले लंबित हैं।
यह चिंताजनक स्थिति है जो बीजेपी और कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए भी एक चुनौती है।
सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कारगर समाधान खोजने की आवश्यकता है।
ऐसा करने से ही विकास के रास्ते में आ रही यह बाधा दूर हो सकती है और देश के नागरिकों को समय पर न्याय मिल सकता है।
इस समस्या का समाधान सभी राजनीतिक दलों के लिए एक साझा लक्ष्य होना चाहिए।
- सान्याल का बयान: न्यायिक प्रणाली सबसे बड़ी बाधा
- लंबित मुकदमों की संख्या चिंताजनक
- डाटा और ऐप के माध्यम से बेहतर प्रबंधन की आवश्यकता
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Posted on 25 September 2025 | Follow Newsckd.com for the latest updates.