मनोज जोशी का कॉलम:दक्षिण एशिया में नई नीति पर विचार कर रहे हैं ट्रम्प? Breaking News Update

Political update:

मनोज जोशी का कॉलम:दक्षिण एशिया में नई नीति पर विचार कर रहे हैं ट्रम्प? Breaking News Update news image

मनोज जोशी का कॉलम:दक्षिण एशिया में नई नीति पर विचार कर रहे हैं ट्रम्प? Breaking News Update

डोनाल्ड ट्रम्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी दोस्ती को जाहिर करने में कभी पीछे नहीं रहते।

भारत पर थोपे गए टैरिफ की बात करते हुए भी ट्रम्प ने मोदी को ‘ग्रेट प्राइम मिनिस्टर’ और ‘ग्रेट फ्रेंड’ कहा था।

जन्मदिन पर भी मोदी को बधाई देते हुए ट्रम्प ने कहा था कि ‘आप शानदार काम कर रहे हो।

’ लेकिन जब भारत को लेकर अमेरिकी नीति की बात आई तो उनकी सरकार ने रुख सख्त कर लिया।

बीते 25 सालों में भारत-अमेरिका की दोस्ती और सैन्य साझेदारी तेजी से बढ़ी ​थी।

2016 में तो भारत को महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी तक का दर्जा दिया गया।

ट्रम्प के पहले कार्यकाल में भारत ने चार बुनियादी सैन्य समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे।

बाइडेन शासन में दोनों देशों ने अत्याधुनिक सैन्य तकनीकों के सहयोग का नया चरण शुरू किया था।

इस बारे में बहुत-सी उम्मीदें थी कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में ये संबंध कैसे रहेंगे।

लेकिन बेहतरी के उलट अब दोनों देशों के बीच दूरी बढ़ रही है।

आज भारत 50% टैरिफ झेल रहा है।

इसमें से 25 प्रतिशत रूस से तेल खरीद के कारण थोपा गया है।

यकीनन, अमेरिका और पाकिस्तान का बढ़ता रिश्ता भी एक मुद्दा है, जो ट्रम्प द्वारा फील्ड मार्शल असीम मुनीर को लंच पर बुलाने से जाहिर हो गया।

ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने में भूमिका निभाई।

इसके अलावा ट्रम्प ने ईरान के मुद्दे में भी न केवल दखल दिया, उस पर बमबारी भी की।

अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला ने हाल ही में पाकिस्तान को आतंकवाद विरोधी अभियान में अपना ‘शानदार साझेदार’ बताया था।

अपने रक्षा हितों के चलते अमेरिका भी पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते चाहता है।

मुनीर और पाकिस्तानी एयरफोर्स प्रमुख जहीर अहमद बाबर की अमेरिका यात्रा दोनों देशों के रक्षा संबंधों में आई गर्मजोशी का संकेत है।

अमेरिका इस संबंध को क्षेत्रीय स्थिरता और भारत से तनाव कम करने की रणनीति में भी उपयोगी मानता है।

अब ट्रम्प फिर से शहबाज शरीफ और मुनीर से अमेरिका में मिलने की तैयारी कर र​हे हैं।

2018 में अपने पहले कार्यकाल में ट्रम्प ने ईरान पर प्रतिबंध लगाए थे, लेकिन भारत को उसके चाबहार प्रोजेक्ट के लिए छूट दी थी।

इससे भारत को अफगानिस्तान तथा मध्य एशिया में गतिविधियां आगे बढ़ाने में मदद मिली।

लेकिन हाल ही में अमेरिका ने यह छूट भी रद्द कर दी।

इससे वहां कार्यरत भारतीय कंपनियां भी प्रतिबंधों के दायरे में आ जाएंगी।

अब अमेरिका ने नए एच-1बी वीसा धारकों से एक लाख डॉलर का शुल्क वसूलने का निर्णय किया है।

इन वीसा धारकों में 72 प्रतिशत भारतीय होते हैं और यह बढ़ी हुई वार्षिक शुल्क राशि टीसीएस, इंफोसिस और विप्रो जैसी भारतीय कंपनियों के औसत वेतन से भी अधिक है।

ये कंपनियां अपने हजारों कर्मचारियों को एच-1 बी वीसा पर अमेरिका भेजती हैं।

इस निर्णय का असर उन पर भी पड़ेगा।

वीसा की अतिरिक्त लागत के कारण अमेरिकी कंपनियां भी भारतीयों को काम देने से हिचकेंगी।

यही ‘मागा’ समर्थकों की मंशा भी है।

नए घटनाक्रम में ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका को अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस लेना चाहिए।

अमेरिका ने तालिबान के खिलाफ युद्ध में इसी बेस का उपयोग किया था।

ट्रम्प का दावा है कि बेस के पास ही चीन परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है।

हालांकि इसका कोई प्रमाण नहीं है।

इधर, तालिबान ने भी साफ कर दिया है कि अमेरिका को फिर से बेस इस्तेमाल करने देने का सवाल ही नहीं उठता।

इन सभी प्रकरणों से सवाल उठता है कि क्या ट्रम्प दक्षिण एशिया में एक नई अमेरिकी नीति पर विचार कर रहे हैं? ऐसी नीति, जो पाकिस्तान और अफगानिस्तान से रिश्ते बढ़ाती है, भले ही इसके लिए भारत को अलग-थलग करना पड़े।

ध्यान दें कि भारत में अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर को दक्षिण और मध्य एशिया के लिए विशेष दूत भी नियुक्त किया गया है।

लेकिन ऐसा हुआ तो फिर ‘क्वाड’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र का क्या होगा? ही तो भारत-अमेरिका रिश्तों का मूलभाव है, जो चीन पर लगाम रखने के दोनों देशों के साझा हितों पर आधारित है।

लेकिन लगता है अब अमेरिका अपने रुख पर पुनर्विचार कर रहा है।

ट्रम्प अक्टूबर में शी जिनपिंग से मिलने की योजना बना रहे हैं।

यह भारत-अमेरिका तालमेल की नींव को कमजोर करेगा।

लेकिन शायद ट्रम्प को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

अगर भारत को अलग-थलग करके अमेरिका ने दक्षिण एशिया में नई नीति बनाई तो ‘क्वाड’ और हिंद-प्रशांत क्षेत्र का क्या होगा? यही तो भारत-अमेरिका रिश्तों का मूलभाव है, जो चीन पर लगाम रखने के दोनों के साझा हितों पर टिका है।

(ये लेखक के अपने विचार हैं।

)।

Related: Top Cricket Updates | Latest National News


Posted on 26 September 2025 | Follow Newsckd.com for the latest updates.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने