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पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:एकांत में उतरें तो शक्ति का सदुपयोग कर पाएंगे Breaking News Update
कहते हैं सपने टूटते ही नहीं, मर भी जाते हैं।
सपनों की लाशों को जलाने या दफनाने की जल्दी मत करिएगा।
सपनों के शव को फिर जीवित किया जा सकता है।
हम सफल, सुखी लोगों को देखते हैं तो बाहर से पता नहीं लगता, लेकिन भीतर से इनके सपने भी टूटे होंगे या मृत होंगे।
आज तो शायद ही कोई हृदय होगा, जिसे घावों ने घेरा न हो।
उजले मुखड़ों के पीछे भी गहरी पीड़ा होगी।
यदि हमारे साथ ऐसा हो जाए कि हमारा कोई सपना मरने की स्थिति में हो तो सबसे पहला काम करें- एकांत साधें।
एकांत में हम ईश्वर के साथ होते हैं।
एकांत, विश्राम से अलग है।
यदि हम एकांत साधें- जिसका माध्यम है ध्यान- तो पाएंगे कि हम उन सपनों को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
क्योंकि एकांत से ऐसी ऊर्जा हमको मिलती है, जो शक्ति बनकर हमारे सारे काम निपटा देती है।
नवरात्र में एकांत का प्रयोग बहुत परिणाम देने वाला होगा।
जितना हम लोगों से घिरे रहते हैं, उतने विचलित होंगे।
जितना एकांत में उतरेंगे, शक्ति का उतना ही सदुपयोग कर जाएंगे।
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Posted on 26 September 2025 | Visit Newsckd.com for more stories.