'I Love Muhammad' विवाद पर भड़के ओवैसी, पूछा- PM का पोस्टर तो हमारा क्यों नहीं? Breaking News Update

India news:

'I Love Muhammad' विवाद पर भड़के ओवैसी, पूछा- PM का पोस्टर तो हमारा क्यों नहीं? Breaking News Update news image

'I Love Muhammad' विवाद पर भड़के ओवैसी, पूछा- PM का पोस्टर तो हमारा क्यों नहीं? Breaking News Update

एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर में "आई लव मुहम्मद" लिखे पोस्टरों को लेकर उठे विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल किया कि आस्था की ऐसी अभिव्यक्ति को भड़काऊ क्यों माना जाना चाहिए।

असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के पूर्णिया में पत्रकारों से कहा कि अगर कोई 'आई लव महादेव' ग्रुप है, तो इसमें दिक्कत क्या है? इसमें देश-विरोधी क्या है? यह किस तरह की हिंसा को बढ़ावा देता है? अगर शब्द 'लव' है, तो किसी को दिक्कत क्यों हो रही है? मुझे लगता है कि हमें इन लोगों के लिए मुगल-ए-आज़म का 'मोहब्बत ज़िंदाबाद' गाना बजाना चाहिए।

अगर 'हैप्पी बर्थडे पीएम मोदी' का पोस्टर हो सकता है, तो 'आई लव पैगम्बर मुहम्मद' का पोस्टर क्यों नहीं हो सकता?   इसे भी पढ़ें: पहले की गठबंधन की पेशकश, फिर सीमांचल में RJD को हराने का भरा दंभ, बिहार के चुनाव में कितनी कारगर साबित होगी ओवैसी की न्याय यात्रा? असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल किया कि प्यार में देशद्रोह क्या है? क्या हम प्यार के ज़रिए हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं? समस्या क्या है? इसका मतलब है कि आप प्यार के ख़िलाफ़ हैं... एक मुसलमान तब तक सच्चा मुसलमान नहीं है जब तक वो मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी रसूल मानता है... एशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में रहती है।

अपनी इस प्रतिक्रिया से आप कैसा संदेश दे रहे हैं? हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर और हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर के पोस्टर लगाने की इजाज़त है, लेकिन ये नहीं? वो नहीं चाहते कि कोई प्यार की बात करे... क्या होगा? हम कहाँ जाएँगे? ओवैसी ने संविधान के अनुच्छेद 25 का भी हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है।

उन्होंने कहा, "इसमें राष्ट्र-विरोधी क्या है? इसका कौन सा हिस्सा हिंसा को बढ़ावा देता है? ... एक मुसलमान का ईमान तब तक पूरा नहीं होता जब तक वह दुनिया की हर चीज़ से ज़्यादा पैगम्बर मुहम्मद से प्यार न करे।

इस पर आपत्ति जताकर आप दुनिया को क्या संदेश दे रहे हैं?" एआईएमआईएम नेता ने उत्तर प्रदेश सरकार की भी आलोचना की और चुनिंदा पाबंदियों का आरोप लगाया।

उन्होंने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश में एडीजीपी कह रहे हैं कि नए पोस्टर लगाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।

लेकिन 'हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर' या 'हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर' लिखने की इजाज़त होगी।

फिर ऐसा कानून बनाइए कि इस देश में कोई भी प्यार की बात न कर सके।

यह विवाद 9 सितंबर को शुरू हुआ जब कानपुर पुलिस ने 4 सितंबर को बारावफ़ात के जुलूस के दौरान सड़क पर कथित तौर पर "आई लव मोहम्मद" के बोर्ड लगाने के आरोप में नौ लोगों और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

हिंदू समूहों ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे "नया चलन" और जानबूझकर उकसाने वाला कदम बताया।

ओवैसी द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्टरों का बचाव करने और इस बात पर ज़ोर देने के बाद कि "आई लव मोहम्मद कहना कोई अपराध नहीं है" मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया।

  इसे भी पढ़ें: भारत को ट्रंप सरकार के आगे नहीं झुकना चाहिए: एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी प्यार में देशद्रोह क्या है? क्या हम प्यार के ज़रिए हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं? समस्या क्या है? इसका मतलब है कि आप प्यार के ख़िलाफ़ हैं... एक मुसलमान तब तक सच्चा मुसलमान नहीं है जब तक वो मोहम्मद को अल्लाह का आखिरी रसूल मानता है... एशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में रहती है।

अपनी इस प्रतिक्रिया से आप कैसा संदेश दे रहे हैं? हैप्पी बर्थडे प्राइम मिनिस्टर और हैप्पी बर्थडे चीफ मिनिस्टर के पोस्टर लगाने की इजाज़त है, लेकिन ये नहीं? वो नहीं चाहते कि कोई प्यार की बात करे... क्या होगा? हम कहाँ जाएँगे?।

Related: Education Updates | Latest National News


Posted on 26 September 2025 | Visit Newsckd.com for more stories.

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने