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धर्म और अध्यात्म: स्वामी अवधेशानंद गिरि के जीवन सूत्र उजागर धर्म Swami Avdheshanand On Self-worth
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि ने अपने जीवन सूत्रों के माध्यम से आत्महीनता जैसे गंभीर अवगुण पर प्रकाश डाला है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वयं को छोटा या दीन समझना व्यक्ति को भीतर से कमजोर कर देता है और उसकी आध्यात्मिक प्रगति में बाधक बनता है।
स्वामी जी के अनुसार, जैसे ही व्यक्ति अपने आत्म-तत्व को पहचानना शुरू करता है, असुरक्षा और दैन्यता की भावनाएँ स्वतः ही दूर होने लगती हैं।
यह आत्मज्ञान ही धर्म के मूल सिद्धांतों में से एक है, जो व्यक्ति को अपनी अंतर्निहित शक्ति का बोध कराता है।
यह संदेश केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए ही नहीं, बल्कि सामूहिक रूप से समाज में सकारात्मक ऊर्जा भरने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्वामी अवधेशानंद जी गिरि आत्महीनता से मुक्ति का एक सरल मार्ग सुझाते हैं: बड़े लक्ष्यों की दिशा में छोटे-छोटे, निरंतर प्रयास करना।
उन्होंने जोर दिया कि दूसरों को क्षमा करना, विपरीत परिस्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया न देना और दूसरों के दोषों को न देखना, ये सभी अभ्यास मन को असाधारण रूप से मजबूत बनाते हैं।
ये क्रियाएं हमारी आंतरिक ऊर्जा को सही दिशा में केंद्रित करने में मदद करती हैं, जिससे हम व्यर्थ की चिंताओं और नकारात्मक विचारों से बच पाते हैं।
ये सूत्र हमें सिखाते हैं कि कैसे अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और आध्यात्मिक कार्यों में लगाना चाहिए।
कई मंदिरों और पूजा स्थलों पर भी ऐसी शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार होता है, जहाँ भक्तों को आत्मिक शांति और दृढ़ता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
यह एक प्रकार का आंतरिक तीर्थ है, जहाँ मन को शुद्ध और सबल बनाया जाता है।
स्वामी जी के ये जीवन सूत्र हमें बताते हैं कि अपनी ऊर्जा को केवल स्वयं के उत्थान और दूसरों के प्रति सद्भाव में ही खर्च करना चाहिए।
यह गहन आध्यात्मिक ज्ञान हमें दैनंदिन जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करता है, और हमें उस सर्वोच्च देवता के निकट ले जाता है, जो हमारे भीतर ही निवास करता है।
उनकी शिक्षाएं हमें यह याद दिलाती हैं कि आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास ही जीवन की सच्ची पूंजी हैं, जो हमें किसी भी संकट से उबरने की शक्ति प्रदान करते हैं।
- स्वामी अवधेशानंद गिरि: आत्महीनता एक अवगुण है, आत्म-तत्व पहचानें।
- मन की शक्ति: क्षमा करें, तुरंत प्रतिक्रिया न दें, दूसरों के दोष न देखें।
- ऊर्जा का सदुपयोग: अपनी ऊर्जा को बड़े लक्ष्यों के छोटे प्रयासों में लगाएं।
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Posted on 17 November 2025 | Stay updated with चाचा का धमाका.com for more news.