मंदसौर: प्राचीन पशुपतिनाथ मूर्ति का क्षरण, क्या लौटेगा धर्म और आध्यात्मिक गौरव? Mandsaur Pashupatinath Idol Erosion

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मंदसौर: प्राचीन पशुपतिनाथ मूर्ति का क्षरण, क्या लौटेगा धर्म और आध्यात्मिक गौरव? Mandsaur Pashupatinath Idol Erosion news image

मंदसौर: प्राचीन पशुपतिनाथ मूर्ति का क्षरण, क्या लौटेगा धर्म और आध्यात्मिक गौरव? Mandsaur Pashupatinath Idol Erosion

मंदसौर में, चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, शिवना नदी के तट पर स्थित विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर की लगभग 1200 साल पुरानी अष्टमुखी भगवान शिव की प्रतिमा वर्तमान में क्षरण का सामना कर रही है।

आंखों में खरोंच, क्षतिग्रस्त नाक और चेहरे पर लंबी दरारों के साथ, यह अद्वितीय देवता की मूर्ति अपनी प्राचीन भव्यता खो रही है, जिससे इस पवित्र तीर्थस्थल के भक्तों में चिंता व्याप्त है।

जहां भी वज्र लेपन और विशेष केमिकल लगाए गए थे, समय के साथ वे उखड़ने लगे हैं, जिससे प्रतिमा के चेहरों की स्वाभाविक सुंदरता बिगड़ रही है।

यह स्थिति न केवल मूर्ति के स्वरूप को प्रभावित कर रही है, बल्कि मंदसौर के आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व पर भी सवाल खड़े कर रही है।

प्रशासन और मंदिर प्रबंधन अब इस ऐतिहासिक प्रतिमा को फिर से संवारने की तैयारी में जुट गए हैं।

इसके लिए विस्तृत सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया गया है ताकि उचित संरक्षण कार्य शुरू किया जा सके।

यह अष्टमुखी स्वरूप भगवान पशुपतिनाथ का दुनिया में अपनी तरह का एकमात्र है, जो इसे नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर से अलग पहचान दिलाता है।

मंदसौर का यह मंदिर इतिहास, शोध और स्थानीय मान्यताओं के आधार पर एक अद्वितीय धर्मस्थल है।

मंदिर के पुजारियों के अनुसार, यह शिलाखंड 19 जून 1940 को शिवना नदी के गर्भ से मिला था, जिस पर भगवान शिव की आकृतियां उभरी हुई थीं।

ग्रामीणों ने तब से इसकी पूजा करनी शुरू कर दी थी, और बाद में शिल्पियों ने इसे एक प्राचीन, अधूरी लेकिन अत्यंत दुर्लभ प्रतिमा के रूप में पहचान दी।

यह घटनाक्रम मध्यप्रदेश की समृद्ध धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण अध्याय है और स्थानीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है।

इस प्रतिमा का संरक्षण न केवल कलात्मक विरासत को बचाएगा, बल्कि मंदसौर के सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

प्रशासन की इस पहल से उम्मीद है कि यह प्राचीन मंदिर पुनः अपने पूर्ण गौरव को प्राप्त कर सकेगा और भक्तों को एक बार फिर से इस अद्भुत देवता के पूर्ण स्वरूप के दर्शन हो सकेंगे।

  • मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर की 1200 साल पुरानी मूर्ति क्षतिग्रस्त।
  • मूर्ति के चेहरों पर दरारें और नाक हुई खराब, वज्र लेप निकल रहा।
  • प्रशासन मूर्ति के जीर्णोद्धार की तैयारी में, सर्वेक्षण कार्य पूरा।

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Posted on 26 November 2025 | Stay updated with चाचा का धमाका.com for more news.

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