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भारत से यहूदियों की वापसी: इजरायल ने क्यों बनाई ऐतिहासिक योजना? Israel Repatriates Indian Jews
पूर्वोत्तर भारत में, चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, एक ऐतिहासिक घटनाक्रम सामने आया है, जिसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान खींचा है।
इजरायल सरकार ने भारत में सदियों से बसे हजारों यहूदियों को वापस अपने देश बुलाने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
यह निर्णय 2700 सालों के लंबे इंतजार के बाद लिया गया है और इसे वैश्विक यहूदी समुदाय के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भारत, 'वसुधैव कुटुंबकम' की अपनी प्राचीन परंपरा के तहत, युगों से सताए हुए लोगों को शरण देता रहा है, चाहे वे यहूदी हों, पारसी हों या तिब्बती बौद्ध।
यह निर्णय केवल एक विदेश नीति का हिस्सा नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान की वापसी का प्रतीक भी है।
दरअसल, इजरायल ने पूर्वोत्तर भारत में रह रहे लगभग 5800 यहूदियों को इजरायल लाने की योजना को मंजूरी दी है।
ये यहूदी किसी परेशानी के कारण भारत नहीं छोड़ रहे हैं, बल्कि उन्हें उनकी मातृभूमि इजरायल द्वारा वापस बुलाया जा रहा है।
इस ग्लोबल पहल के पीछे इजरायल की गहरी प्रतिबद्धता है कि वह दुनिया भर में फैले यहूदी समुदायों को अपने देश में एकीकृत करे।
इस घटनाक्रम का मुस्लिम देशों पर प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से हो सकता है, जहां इजरायल की ऐसी नीतियों को लेकर अक्सर प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती हैं।
हालांकि, भारत के संदर्भ में, यह एक सद्भावनापूर्ण वापसी है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाती है।
यह कदम सिर्फ यहूदियों की वापसी नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जुड़ाव की बहाली है।
इजरायल अपनी पहचान को मजबूती देने और यहूदी प्रवासी भारतीयों को सम्मानजनक रूप से वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे एक राष्ट्र अपने बिखरे हुए समुदायों को वापस एकजुट कर सकता है, जबकि भारत अपनी उदारता और शरणार्थी नीतियों की विरासत को बनाए रखता है।
- इजरायल ने भारत से 5800 यहूदियों को वापस बुलाने की योजना को मंजूरी दी।
- यह 2700 सालों बाद यहूदियों की अपनी मातृभूमि में ऐतिहासिक वापसी है।
- भारत ने सदियों से यहूदियों सहित सताए हुए समुदायों को शरण दी है।
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Posted on 30 November 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.