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भारत में इज़रायल का आध्यात्मिक मिशन: यहूदी समुदाय का क्या है भविष्य? Israel Calls Indian Jews Home
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक असाधारण अंतरराष्ट्रीय अभियान चल रहा है, जिसके तहत इजरायल अपने प्राचीन यहूदी समुदाय के सदस्यों को अपने वतन वापस बुला रहा है।
इस विशाल योजना को लेकर इजरायल की संसद में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है।
इजरायल चुपचाप और धीरे-धीरे भारत में रहने वाले करीब 6000 लोगों को अपने देश ले जा रहा है।
चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में रहने वाले इन लोगों को किसी नौकरी के लिए इजरायल नहीं ले जाया जा रहा, बल्कि इन लोगों को हमेशा के लिए इजरायल के एक खास इलाके में बसाने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
यह कदम इजरायल अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उठा रहा है और इसका पूरा खर्च, जो लगभग 90 मिलियन शेकेल यानी करीब 240 करोड़ रुपये है, भी इजरायल ही वहन कर रहा है।
यह विश्व स्तर पर एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
दरअसल, इजरायल ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में रहने वाले बनेई मेनाशे समुदाय के बचे हुए 5800 यहूदियों को अपने देश में बसाने का निर्णय लिया है।
ये लोग खुद को इजरायल की खोई हुई जनजातियों में से एक का वंशज मानते हैं और उनकी यह आध्यात्मिक वापसी एक ऐतिहासिक घटना है।
इन सभी लोगों को धीरे-धीरे करके अगले पांच सालों तक इजरायल में बसा दिया जाएगा।
इनमें से 1200 लोगों को 2026 में ही बसाने के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जो इस विदेश नीति की गंभीरता को दर्शाता है।
इस अभियान का उद्देश्य बनेई मेनाशे समुदाय के सदस्यों को इजरायल के समाज में पूर्ण रूप से एकीकृत करना है।
यह महज एक जनसंख्या स्थानांतरण नहीं, बल्कि एक गहरा सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव है।
इस अंतरराष्ट्रीय पहल से भारत और इजरायल के संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ रहा है, जो दोनों देशों के बीच मानवीय और ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करेगा।
- इजरायल भारत से अपने बनेई मेनाशे यहूदी समुदाय के 6000 सदस्यों को बुला रहा है।
- यह आध्यात्मिक अभियान इज़रायल की सीमाओं की सुरक्षा के लिए स्थायी पुनर्वास हेतु है।
- करीब 240 करोड़ की लागत से यह अंतरराष्ट्रीय परियोजना अगले 5 वर्षों में पूरी होगी।
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Posted on 28 November 2025 | Follow चाचा का धमाका.com for the latest updates.