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ताइवान को क्यों दरकिनार कर रहा चीन? वैश्विक राजनीति में नया मोड़ Taiwan Icao Exclusion Raises Concerns
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) की बैठकों से ताइवान को चीन के दबाव के चलते लगातार बाहर रखा जा रहा है, जिससे वैश्विक विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मॉन्ट्रियल, कनाडा में आईसीएओ का 42वां सत्र चल रहा है, जहाँ वैश्विक विमानन नियमों और मानकों पर बहुपक्षीय चर्चाएं होती हैं।
इन चर्चाओं का उद्देश्य दुनिया भर में नागरिक उड्डयन के सुरक्षित और व्यवस्थित विकास को सुनिश्चित करना है।
दुखद है कि इस महत्वपूर्ण मंच पर ताइवान को शामिल नहीं किया जा रहा, जो सीधे तौर पर चीन की क्षेत्रीय दादागिरी और अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में उसके बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।
आईसीएओ की 'सुरक्षित आकाश, सतत भविष्य' की दीर्घकालिक रणनीतिक योजना सहयोग, स्थिरता और समावेशन पर जोर देती है, ताकि एक लचीली और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय विमानन प्रणाली का निर्माण हो सके।
हाल ही में भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानों की घोषणा जैसे घटनाक्रम पूर्वी एशियाई क्षेत्र में हवाई यातायात को बढ़ाएंगे।
इससे ताइपे सहित सभी उड़ान सूचना क्षेत्रों (एफआईआर) में निर्बाध समन्वय और सुरक्षा की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है।
ताइपे उड़ान सूचना क्षेत्र (एफआईआर) पूर्वी एशिया में हवाई यात्रा का एक अत्यंत व्यस्त गलियारा है, जिसके बिना क्षेत्रीय विमानन सुरक्षा में एक बड़ा शून्य बना रहता है।
इस तरह की एकतरफा राजनीति और बहिष्कार से न केवल ताइवान के लोगों को बल्कि पूरे क्षेत्र की हवाई सुरक्षा को जोखिम में डाला जा रहा है।
ऐसे में, आईसीएओ को अपनी दीर्घकालिक रणनीतियों और सिद्धांतों के प्रति सच्चा रहना चाहिए और ताइवान को उसकी बैठकों तथा क्षेत्रीय विमानन सुरक्षा तंत्र में तुरंत शामिल करना चाहिए।
यह कदम न केवल न्यायसंगत होगा बल्कि वैश्विक विमानन सुरक्षा के लिए भी अनिवार्य है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस संवेदनशील मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है और कब तक चीन की इस राजनीति को सहन किया जाता है।
- ताइवान को चीन के दबाव में आईसीएओ से बाहर रखा गया है।
- यह वैश्विक विमानन सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय के लिए खतरा है।
- आईसीएओ से ताइवान को शामिल करने का आग्रह किया जा रहा है।
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Posted on 05 October 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.