पंडित मेहता का आह्वान: 'स्वदेशी' अपनाकर आर्थिक राजनीति को कैसे सशक्त बनाएं? Promote Swadeshi Economic Development

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पंडित मेहता का आह्वान: 'स्वदेशी' अपनाकर आर्थिक राजनीति को कैसे सशक्त बनाएं? Promote Swadeshi Economic Development

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, आज जब वैश्विक स्तर पर देशों के बीच आर्थिक प्रतिस्पर्धा चरम पर है, पंडित विजयशंकर मेहता ने अपने कॉलम के माध्यम से देशवासियों को 'स्वदेशी' अपनाने का सशक्त संदेश दिया है।

उन्होंने मौजूदा चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें अपनी आर्थिक घेराबंदी को तोड़ना होगा और इसके लिए स्वदेशी अभियान का हिस्सा बनना नितांत आवश्यक है।

मेहता जी ने प्राचीन प्रसंगों का हवाला देते हुए समझाया कि जैसे महाभारत काल में दुर्योधन ने पांडवों को सुई की नोक जितनी भी भूमि देने से इनकार कर दिया था, तब भगवान कृष्ण ने द्वारका से धन लाकर इंद्रप्रस्थ के निर्माण में पांडवों की सहायता की थी।

यह प्रसंग हमें सिखाता है कि अपने ही देश में निर्मित वस्तुओं और संसाधनों पर खर्च करना कितना महत्वपूर्ण है।

आज के दौर में कुछ वैश्विक शक्तियां और उनकी नीतियां दुर्योधन की भूमिका निभा रही हैं, जो हमारे लिए आर्थिक चुनौतियां खड़ी कर रही हैं।

ऐसे में हमें अपने भीतर के 'कृष्ण' को जागृत करना होगा और राष्ट्र की आर्थिक सुरक्षा के लिए स्वदेशी आंदोलन को अपनाना होगा।

यह हमारी राष्ट्रीय 'राजनीति' और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनना चाहिए।

पंडित मेहता ने जोर देकर कहा कि हमें अपनी खर्च करने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा स्वदेशी उत्पादों पर ही व्यय करना चाहिए।

यह केवल भावनात्मक जुड़ाव नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है जो देश को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगा।

उन्होंने चेतावनी भी दी कि बाज़ार में ऐसी प्रवृत्तियाँ मौजूद हैं जो स्वदेशी को भी कमजोर कर सकती हैं, इसलिए हमें जागरूक रहते हुए अपने देश के उत्पादों को प्राथमिकता देनी होगी।

हमारे 'नेता' और नीति-निर्माता भी इस दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं, लेकिन जनभागीदारी के बिना यह अभियान पूरी तरह सफल नहीं हो सकता।

यह समय अपने स्वदेशी संस्कार को जागृत करने और भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का है।

अतः, अपने देश में बनी वस्तुओं को अत्यधिक मोल देना और उन पर अपना धन व्यय करना ही आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है, ताकि हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण कर सकें।

  • वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच स्वदेशी अभियान की अनिवार्यता।
  • इंद्रप्रस्थ प्रसंग से प्रेरणा: अपने देश पर खर्च कर बनें आत्मनिर्भर।
  • भारतीय वस्तुओं को प्राथमिकता देकर मजबूत करें राष्ट्र की अर्थव्यवस्था।

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Posted on 05 October 2025 | Visit चाचा का धमाका.com for more stories.

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