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ऑनलाइन सुरक्षा पर बढ़ती चिंता: क्या सरकार तय करेगी डिजिटल सीमाएं? Children Online Safety Challenge
चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, आज के डिजिटल युग में बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा एक गंभीर चुनौती बन गई है, जिस पर अभिभावकों के साथ-साथ सरकार और राजनीतिक दलों को भी ध्यान देना होगा।
हाल ही में एक मित्र की चिंता सामने आई, जब उसके बेटे के घंटों तक अपने कमरे में फोन पर ऑनलाइन रहने से परिवार में तनाव का माहौल बन गया।
यह कोई अकेला मामला नहीं है; ऐसे अनगिनत परिवार हैं जो अपने बच्चों की डिजिटल गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं लेकिन उनके पास पर्याप्त जानकारी या नियंत्रण नहीं है।
इस विषय पर खुलकर बात करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह सीधे तौर पर हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य और देश की सामाजिक संरचना को प्रभावित करता है।
कैलिफोर्निया में एक परिवार द्वारा चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपन-एआई पर मुकदमा दायर किए जाने के बाद, जिसमें आरोप लगाया गया था कि चैटबॉट ने उनके बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाया, कंपनी ने किशोरों के अकाउंट्स के लिए नए पैरेन्टल कंट्रोल्स शुरू किए हैं।
ये नियंत्रण माता-पिता को बच्चों के चैटजीपीटी उपयोग के घंटे निर्धारित करने की अनुमति देते हैं।
ओपन-एआई का यह कदम भले ही देर से आया हो, लेकिन यह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ते सरकारी नियंत्रण और नीतिगत हस्तक्षेप की संभावना की ओर इशारा करता है।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हमारी मौजूदा राजनीति इस तीव्र गति से बदलते डिजिटल परिदृश्य के लिए तैयार है? विभिन्न राजनीतिक दल, चाहे वह कांग्रेस हो या बीजेपी, अभी तक इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई ठोस राष्ट्रीय नीति नहीं बना पाए हैं, जिससे अभिभावकों को स्पष्ट दिशा मिल सके।
डिजिटल दुनिया में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना केवल माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं है; यह एक व्यापक सामाजिक और राजनीतिक मुद्दा है जिस पर गंभीरता से विचार-विमर्श की आवश्यकता है।
नेताओं को समझना होगा कि यह सिर्फ तकनीकी मुद्दा नहीं, बल्कि भविष्य के मतदाताओं और नागरिकों की मानसिक और सामाजिक सुरक्षा का प्रश्न है।
चुनाव से पहले अक्सर ऐसे मुद्दों पर चर्चा होती है, लेकिन ठोस कार्रवाई में कमी दिखती है।
अब समय आ गया है कि सरकार और नियामक संस्थाएं मिलकर एक मजबूत फ्रेमवर्क तैयार करें, जो बच्चों को ऑनलाइन खतरों से बचा सके और अभिभावकों को सशक्त करे।
इससे एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण का निर्माण होगा, जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए आवश्यक है।
- बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा बनी बड़ी चिंता, अभिभावकों को तकनीकी ज्ञान अपग्रेड करने की सलाह।
- ओपन-एआई ने चैटजीपीटी के लिए लॉन्च किए नए पैरेन्टल कंट्रोल्स, उपयोग के घंटे तय करने की सुविधा।
- डिजिटल सुरक्षा अब राजनीतिक मुद्दा, सरकार और दलों को ठोस नीति बनाने की चुनौती।
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Posted on 06 October 2025 | Keep reading चाचा का धमाका.com for news updates.