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अमेरिका में एच-1बी वीजा शुल्क पर विवाद: $100,000 चुनौती का दायर मुकदमा Us H-1b Fee Challenged
सैन फ्रांसिस्को से चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में एच-1बी वीजा आवेदनों पर लगाए गए 1,00,000 अमेरिकी डॉलर के भारी शुल्क के खिलाफ एक बड़ा कानूनी कदम उठाया गया है।
स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, धार्मिक समूहों और विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों सहित विभिन्न संगठनों के एक समूह ने शुक्रवार को एक संघीय अदालत में यह मुकदमा दायर किया है।
समूह का तर्क है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की यह योजना नियोक्ताओं, श्रमिकों और संघीय एजेंसियों के लिए अराजक स्थिति पैदा कर रही है।
यह एच-1बी कार्यक्रम, जो *अंतरराष्ट्रीय* स्तर पर कुशल पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, नवोन्मेष और *वैश्विक* आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है, और नियोक्ताओं को विशिष्ट क्षेत्रों में खाली पदों को भरने में मदद करता है।
ट्रंप प्रशासन ने नए एच-1बी कामकाजी वीजा के लिए इस एकमुश्त शुल्क की घोषणा की थी, जिसने *विदेश* में काम करने के इच्छुक हजारों पेशेवरों और अमेरिकी कंपनियों के लिए चिंता बढ़ा दी है।
सैन फ्रांसिस्को स्थित ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट’ में दायर मुकदमे में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इस वीजा कार्यक्रम का महत्व केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवा कर्मियों और शिक्षकों की नियुक्ति का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
‘डेमोक्रेसी फॉरवर्ड फाउंडेशन’ और ‘जस्टिस एक्शन सेंटर’ द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में इस फैसले के संभावित गंभीर परिणामों पर प्रकाश डाला गया है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब *विश्व* भर में कुशल कार्यबल की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इस मुकदमे का *ग्लोबल* भारतीय प्रवासी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था दोनों पर दूरगामी प्रभाव पड़ने की संभावना है।
यदि इस मामले में कोई राहत नहीं मिलती है, तो कई अस्पतालों को चिकित्सा कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जबकि शैक्षिक संस्थानों और अन्य क्षेत्रों में भी कुशल कर्मियों की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
यह कानूनी लड़ाई ट्रंप प्रशासन की *अंतरराष्ट्रीय* आव्रजन नीतियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण चुनौती पेश करती है, जो *संयुक्त राष्ट्र* के विभिन्न मंचों पर भी चर्चा का विषय रही है।
- अमेरिका में H-1B वीजा के $100,000 शुल्क के खिलाफ संघीय अदालत में मुकदमा दायर।
- स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, धार्मिक समूहों और प्रोफेसरों ने ट्रंप प्रशासन को चुनौती दी।
- याचिकाकर्ताओं का दावा है कि यह योजना अराजकता पैदा कर रही है और विकास में बाधक है।
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Posted on 04 October 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.