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गांधी विचार पर आघात: लंदन घटना ने उजागर की गहरी राजनीतिक साजिश London Gandhi Statue Attack Global
लंदन में, चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, टैविस्टॉक स्क्वायर स्थित महात्मा गांधी की 57 साल पुरानी कांस्य की प्रतिमा पर हुए हालिया हमले ने न केवल भारत बल्कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से महज तीन दिन पहले हुई यह घटना महज एक मूर्ति को क्षति पहुँचाने से कहीं अधिक है; यह गांधी के अस्तित्व, उनके विचारों और भारत की आत्मा पर सीधा प्रहार है।
हमलावरों ने प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करते हुए उस पर काले रंग से 'गांधी- मोदी, हिंदुस्तानी टेररिस्ट...' जैसे आपत्तिजनक नारे लिखे, और साथ ही भारतीय तिरंगे का भी अपमान किया।
यह सुनियोजित कृत्य अहिंसा और शांति के प्रतीक गांधी के व्यक्तित्व एवं मूल्यों को मिटाने की एक विकृत मानसिकता और गहरी राजनीतिक साजिश की ओर इशारा करता है।
गांधी की प्रतिमा केवल धातु का ढाँचा नहीं, बल्कि उन शाश्वत मूल्यों का जीवंत प्रतीक है जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को शांतिपूर्ण अहिंसक जीवनशैली की नई दिशा दी है।
इस पर किया गया आघात यह दर्शाता है कि हिंसा की प्रवृत्तियाँ, आतंक की मानसिकता और नफरत-द्वेष की विध्वंसक शक्तियां आज भी गांधी के विचारों से भयभीत हैं।
यह घटना विश्व भर के *नेता* और *राजनीतिक* संगठनों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि विभाजनकारी शक्तियों को बढ़ावा देने से वैश्विक शांति को खतरा है।
ऐसे हमलों का उद्देश्य समाज में वैमनस्य फैलाना और लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर करना है, जिन पर गांधी जी ने अपना जीवन समर्पित किया।
*चुनाव* से पहले या किसी भी राजनीतिक तनाव के समय ऐसी घटनाएँ असामाजिक तत्वों द्वारा माहौल बिगाड़ने का प्रयास हो सकती हैं।
यह घटना स्पष्ट करती है कि गांधी के विचार, जो भारत की विदेश *नीति* और कूटनीति का आधार रहे हैं, आज भी प्रासंगिक और शक्तिशाली हैं।
ऐसी घृणित कृत्यों को अंजाम देने वाले *राजनीतिक* तत्व यह भूल जाते हैं कि गांधी की विरासत को किसी भी हमले से कम नहीं किया जा सकता।
चाहे वह *कांग्रेस* हो या *बीजेपी*, सभी भारतीय राजनीतिक दलों ने गांधी जी के आदर्शों को अपनी प्रेरणा माना है, और ऐसे हमलों की सर्वसम्मति से निंदा की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और अहिंसा के मार्ग को पुनः प्रतिष्ठित किया जा सके।
- लंदन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर हमले ने वैश्विक राजनीति में खलबली मचाई है।
- अहिंसा दिवस से ठीक पहले यह हमला गांधी के मूल्यों को मिटाने की एक सुनियोजित साजिश है।
- हमले में 'गांधी-मोदी, हिंदुस्तानी टेररिस्ट' जैसे आपत्तिजनक नारे लिखे गए।
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Posted on 07 October 2025 | Keep reading चाचा का धमाका.com for news updates.