कार्तिक मास का आध्यात्मिक महत्व: स्नान और दान-पुण्य से कैसे पाएं विशेष फल? Kartik Maas Religious Significance Ujjain

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कार्तिक मास का आध्यात्मिक महत्व: स्नान और दान-पुण्य से कैसे पाएं विशेष फल? Kartik Maas Religious Significance Ujjain

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, उज्जैन में ज्योतिषियों द्वारा कार्तिक मास के आगमन और उसके धार्मिक महत्व पर प्रकाश डाला गया है।

हिन्दी पंचांग का आठवां महीना, कार्तिक, 8 अक्टूबर से शुरू होकर 5 नवंबर तक चलेगा।

यह महीना दीपोत्सव का पर्व लेकर आता है, जिसमें साल का सबसे बड़ा उत्सव दीपावली 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

हालांकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या दो दिन होने के कारण दीपावली की तिथि को लेकर पंचांगों में थोड़ा मतभेद है, लेकिन उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा सहित अन्य ज्योतिषियों का मत है कि 20 अक्टूबर को यह पर्व मनाना सर्वाधिक शुभ होगा।

इसके अगले दिन, 21 अक्टूबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या रहेगी, जिसका धर्म-कर्म के दृष्टिकोण से विशेष महत्व है।

पं. शर्मा बताते हैं कि कार्तिक मास ऋतु परिवर्तन का समय होता है, जब वर्षा ऋतु का समापन होकर शीत ऋतु की शुरुआत होती है।

इन दिनों में सुबह जल्दी जागने और स्नान के बाद सूर्य देव की पूजा से दिन की शुरुआत करने की परंपरा है।

यह आध्यात्मिक अभ्यास न केवल आलस्य को दूर करता है, बल्कि सुबह की ताजी हवा स्वास्थ्य के लिए भी अत्यंत लाभदायक होती है।

सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चावल, कुमकुम और लाल फूल डालकर 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करते हुए अर्पित करना चाहिए।

यह अनुष्ठान दैनिक पूजा का एक महत्वपूर्ण अंग माना जाता है।

इस महीने में किए गए तीर्थ स्नान और दान-पुण्य का विशेष फल मिलता है, जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करने, गरीबों को दान देने और धार्मिक अनुष्ठान करने की सदियों पुरानी परंपरा है।

यह महीना हमें अपनी संस्कृति और धर्म से जोड़ता है, जिससे जीवन में सकारात्मकता और ईश्वर के प्रति श्रद्धा का भाव जागृत होता है।

इस पवित्र महीने में विशेष रूप से मंदिर जाकर देवताओं की स्तुति और सेवा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जो आध्यात्मिक जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

  • कार्तिक मास 8 अक्टूबर से 5 नवंबर तक चलेगा, यह दीपोत्सव का मुख्य महीना है।
  • दीपावली 20 अक्टूबर को मनाना शुभ है, 21 अक्टूबर को स्नान-दान की कार्तिक अमावस्या रहेगी।
  • सुबह स्नान, सूर्य पूजा व दान-पुण्य से आध्यात्मिक लाभ और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

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Posted on 07 October 2025 | Check चाचा का धमाका.com for more coverage.

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