कलेक्टर ने दिए 100 दिवसीय एक्शन प्लान बनाने के निर्देश नवाचार, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, स्‍वास्‍थ्‍य और किसानों के हित में होंगे ठोस कदम.......



शिवपुरी, 10 अक्टूबर 2025/ कलेक्टर रवीन्‍द्र कुमार चौधरी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभागों का 100 दिवसीय एक्शन प्लान तैयार करें और स्वीकृत कार्यों को समयबद्ध रूप से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि लंबित राजस्व प्रकरणों के शीघ्र निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। अधिकारी नियमित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करें और यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर प्रभावी ढंग से हो। उन्होंने कहा कि जिले में नवाचार की प्रक्रिया निरंतर जारी रहे तथा जिन योजनाओं में सुधार की संभावनाएं हैं, उन पर गंभीरता से कार्य किया जाए। लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखा जाए। सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण और जनसुनवाई में तत्परता आवश्यक है, इसमें लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

आज जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी विजय राज, अपर कलेक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला, एसडीएम शिवपुरी आनंद राजावत, संयुक्‍त कलेक्‍टर जे.पी.गुप्ता, यूनुस कुर्रेशी, शिवदयाल धाकड़ सहित अन्‍य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। 



कलेक्टर श्री चौधरी ने कृषि उपज मंडी में सोयाबीन फसल की नीलामी पर सघन निगरानी रखने और भावान्तर योजना से किसानों को अधिकतम लाभ दिलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण है, अतः इसका प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि खेती को जैविक खेती की दिशा में आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है, परंतु इसे सामूहिक प्रयासों से सफल बनाना होगा। किसानों को परंपरागत खेती से हटकर उद्यानिकी, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन जैसे उच्च आमदनी वाले कार्यों की ओर प्रेरित किया जाए। शिवपुरी जिले में टमाटर, मूंगफली, सरसों एवं अन्य उद्यानिकी फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। इन उत्पादों के स्थानीय प्रसंस्करण और विपणन की प्रभावी व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों की आय में स्थायी वृद्धि हो सके। उन्होंने नकद फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।

कलेक्टर श्री चौधरी ने स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं उपलब्धता पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड धारकों को योजना का पूरा लाभ मिले और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हेतु एनीमिया मुक्त भारत अभियान को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHSND) के दौरान गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण एवं ANMOL 2.0 ऐप पर सटीक डेटा एंट्री सुनिश्चित की जाए। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रसूति सहायता योजनाओं के अंतर्गत भुगतान समयबद्ध रूप से किए जाएं। सुपोषित ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय खाद्य विविधता को बढ़ावा देने और आंगनवाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन पर ध्यान दिया जाए। सिकल मित्र एवं निक्षय मित्र के माध्यम से फूड बास्केट वितरण की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिले में शिक्षा के क्षेत्र में भी अच्‍छे-अच्‍छे नवाचार होने चाहिए। विद्यालयों में शिक्षकों की शत प्रतिशत उपस्थित सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि शिवपुरी शहर में प्रतिदिन साफ-सफाई होनी चाहिए, संबंधित अधिकारी इसकी निगरानी करें।


आदि कर्मयोगी अभियान अंतर्गत प्रत्येक ग्राम का विलेज एक्शन प्लान शीघ्र तैयार करें

कलेक्‍टर ने आदि कर्मयोगी अभियान के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम का विलेज एक्शन प्लान शीघ्र तैयार कर ग्राम सभा से अनुमोदन कराया जाए। इसी के आधार पर डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। उन्होंने पीएम जनमन योजना के तहत जिले के उत्कृष्ट कार्य की सराहना की और आयुष्मान कार्ड वितरण में प्रदेश स्तरीय उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु संबंधित अधिकारियों को बधाई दी। अधोसंरचनात्मक कार्यों जैसे हॉस्टल, सड़क एवं आंगनवाड़ी भवन निर्माण को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश भी दिए गए। 


मुख्यालय से अनुपस्थिति पर होगी सख्त कार्यवाही

कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अधिकारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। बिना पूर्व अनुमति मुख्यालय से बाहर जाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी “एक्शन मोड” में रहकर दायित्वों का निर्वहन करें और योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने में कोई शिथिलता न बरतें।


पराली/नरवाई जलाने की घटनाओं पर लगेगा सख्त अंकुश

कलेक्टर ने पराली या नरवाई जलाने की घटनाओं पर सख्त अंकुश लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सक्रिय नियंत्रण तंत्र विकसित किया जाए तथा निगरानी बढ़ाई जाए। कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को पराली न जलाने की समझाइश दें और वैकल्पिक उपायों जैसे हैप्पी सीडर, सुपर सीडर एवं बेलर उपकरणों के उपयोग को बढ़ावा दें। गांव-गांव कृषक संगोष्ठियाँ आयोजित की जाएं, जिससे किसान पराली निष्पादन के वैकल्पिक उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित हों।


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