भारतीय राजनीति: क्या चुनाव स्वतंत्र हैं, पर निष्पक्षता पर सवाल? Rahul Gandhi Election Fairness Debated

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भारतीय राजनीति: क्या चुनाव स्वतंत्र हैं, पर निष्पक्षता पर सवाल? Rahul Gandhi Election Fairness Debated

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर किए गए हमलों ने भारतीय चुनावों की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को लेकर एक अहम बहस छेड़ दी है।

यह विचारणीय है कि क्या हमारे चुनाव केवल स्वतंत्र हैं या वे वास्तव में हर पहलू से निष्पक्ष भी हैं।

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के विश्लेषण के मुताबिक, भारत में चुनाव प्रक्रिया आमतौर पर स्वतंत्र मानी जाती है, लेकिन उनकी निष्पक्षता पर अक्सर सवाल उठते रहे हैं।

आजादी के बाद जब जवाहरलाल नेहरू ने सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार की वकालत की थी, तब कई आलोचकों ने इसे 'सबसे बड़ा जुआ' करार दिया था।

हालांकि, पिछले 18 आम चुनावों के बाद यह स्पष्ट है कि नेहरू का यह कदम भारतीय लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण निवेश साबित हुआ।

1952 के पहले चुनाव में कई चुनौतियां थीं; यह छह महीने तक चला, जिसमें 1.96 लाख मतदान केंद्र थे और लगभग 17.32 करोड़ वैध मतदाताओं में से 45% ने मतदान किया।

आज, भारतीय राजनीति में चुनाव एक विशाल आयोजन बन गए हैं।

2024 के लोकसभा चुनाव में 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर 96.8 करोड़ वैध मतदाताओं ने भाग लिया, जिनमें से 64.6 करोड़ ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

इन आंकड़ों में 31.2 करोड़ महिला मतदाता शामिल थीं, जो चुनावी प्रक्रिया में बढ़ती भागीदारी को दर्शाते हैं।

हालांकि, विपक्ष, खासकर कांग्रेस और अन्य दलों के नेता अक्सर चुनाव आयोग की भूमिका और सत्तारूढ़ बीजेपी को कथित तौर पर मिलने वाले अनुचित लाभ पर सवाल उठाते रहे हैं।

यह बहस भारतीय लोकतंत्र के स्वास्थ्य और चुनावी निष्पक्षता के मूल सिद्धांतों पर गहराई से विचार करने की आवश्यकता पर बल देती है।

यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि न केवल मतदाताओं को स्वतंत्रतापूर्वक वोट देने का अधिकार मिले, बल्कि पूरी चुनाव प्रक्रिया भी सभी के लिए समान और पारदर्शी हो।

  • राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाकर निष्पक्षता पर बहस छेड़ी।
  • नेहरू ने सार्वभौमिक मताधिकार को लोकतंत्र का निवेश बताया।
  • 1952 से 2024 तक भारतीय चुनाव का सफर, भागीदारी बढ़ी।

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Posted on 28 September 2025 | Stay updated with चाचा का धमाका.com for more news.

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