पौराणिक कथा: ब्रह्मा की कम पूजा का कारण क्या? जानें शिव से जुड़ा धार्मिक सत्य Hindu Mythology Spiritual Secrets

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पौराणिक कथा: ब्रह्मा की कम पूजा का कारण क्या? जानें शिव से जुड़ा धार्मिक सत्य Hindu Mythology Spiritual Secrets

चाचा का धमाका की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू धर्म में अनेक ऐसी पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जो आस्थावानों को न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि गहन आध्यात्मिक रहस्यों से भी परिचित कराती हैं।

त्रिदेवों में से एक, सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की पूजा-अर्चना अन्य प्रमुख देवताओं जैसे भगवान शिव और भगवान विष्णु जितनी व्यापक क्यों नहीं है, यह प्रश्न अक्सर मन में उठता है।

आज हम इसी रहस्य पर प्रकाश डालेंगे और जानेंगे उस प्राचीन कथा को, जिसके कारण ब्रह्मा जी को कम पूजा मिलने का विधान प्रचलित हुआ।

पौराणिक आख्यानों के अनुसार, जब ब्रह्मा जी संसार की रचना के कार्य में लीन थे, तब उन्होंने अपनी अद्वितीय शक्ति से एक अनुपम सुंदरी शतरूपा का सृजन किया।

शतरूपा की सुंदरता इतनी मोहक थी कि स्वयं ब्रह्मा जी भी उन पर मोहित हो गए और अपनी दृष्टि उनसे हटा नहीं पाए।

इस घटना के बाद, एक बार ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु के बीच अपनी श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।

इस विवाद को सुलझाने के लिए एक विशाल ज्योतिर्लिंग प्रकट हुआ, जिसकी आदि और अंत का पता लगाने का कार्य दोनों देवताओं को सौंपा गया।

भगवान विष्णु ने पाताल लोक की ओर प्रस्थान किया, जबकि ब्रह्मा जी ने ऊपर की ओर यात्रा आरंभ की।

लौटते समय ब्रह्मा जी ने झूठ कहा कि उन्होंने ज्योतिर्लिंग का शीर्ष देख लिया है और इसके प्रमाण के रूप में केतकी के फूल को साक्षी बनाया।

भगवान शिव, जो इस पूरी घटना के साक्षी थे, ब्रह्मा जी के असत्य बोलने से क्रोधित हो गए।

शिव ने ब्रह्मा जी को शाप दिया कि उनकी पृथ्वी पर कभी भी भगवान विष्णु या स्वयं शिव के समान व्यापक रूप से पूजा नहीं की जाएगी।

उन्होंने केतकी के फूल को भी अपनी पूजा से वर्जित कर दिया।

हालांकि, बाद में शिव के क्रोध शांत होने पर उन्होंने ब्रह्मा जी को यह वरदान दिया कि विशेष अवसरों पर, खासकर यज्ञ और सृष्टि से जुड़े कार्यों में, उनकी पूजा अवश्य की जाएगी।

यही कारण है कि आज भी मंदिरों में जहां शिव और विष्णु के भव्य मंदिर और व्यापक पूजा-अर्चना देखने को मिलती है, वहीं ब्रह्मा जी के मंदिर और उनकी दैनिक पूजा का प्रचलन सीमित है, हालांकि वे सृष्टि के महत्वपूर्ण देवता बने हुए हैं।

  • ब्रह्मा जी ने शतरूपा की रचना कर उन पर मोहित हुए।
  • शिव के ज्योतिर्लिंग का अंत खोजने में ब्रह्मा जी का असत्य बोलना।
  • शिव के शाप के कारण ब्रह्मा जी को पृथ्वी पर कम पूजा मिली।

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Posted on 30 September 2025 | Stay updated with चाचा का धमाका.com for more news.

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